न्यूयॉर्क टाइम्स ने बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा को बताया ‘बदला’, आलोचना के बाद बदली हेडलाइन…
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की खबर पर विदेशी अखबार की खबर पर चर्चा छिड़ गई है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने गुरुवार को बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के जाने के बाद हिंदू विरोधी हिंसा को ”बदला लेने वाला हमला” करार दिया था।
दुनिया भर के लोगों द्वारा विभिन्न प्लेटफार्मों पर आलोचना किए जाने के बाद अमेरिकी मीडिया हाउस ने अपनी हेडलाइन बदली है।
तमिल राजनीतिक साप्ताहिक पत्रिका तुगलक के संपादक और हिंदू समर्थक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति ने भी न्यूयॉर्क टाइम्स की आलोचना की है।
1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों के लिए 30% नौकरियों को आरक्षित करने वाली विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अशांति के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद सैकड़ों हिंदू घरों, व्यवसायों और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई। भारत ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विशेष रूप से चिंताजनक बात यह है कि अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर भी कई स्थानों पर हमला किया गया। भारत सरकार के दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि भारत ने बांग्लादेश में अपने दूतावास और वाणिज्य दूतावासों से सभी गैर-जरूरी कर्मचारियों और उनके परिवारों को निकाल लिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी भारतीय राजनयिक बांग्लादेश में ही हैं और मिशन का काम कर रहे हैं। राजधानी ढाका में उच्चायोग या दूतावास के अलावा, चटगांव, राजशाही, खुलना और सिलहट में भारत के सहायक उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि राजनीतिक अशांति के बीच ढाका से 199 यात्रियों और छह शिशुओं को लेकर एयर इंडिया का एक विमान बुधवार सुबह दिल्ली पहुंचा।
बांग्लादेश की 17 करोड़ आबादी में हिंदुओं की संख्या लगभग 8% है। ऐतिहासिक रूप से ये शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी का समर्थन करते रहे हैं। हसीना कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी वाले विपक्षी गुट के बजाय काफी हद तक धर्मनिरपेक्ष मानी जाती है।
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (बीएचबीसीयूसी) ने कहा कि सोमवार से 200-300 मुख्य रूप से हिंदू घरों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है। 15-20 हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। इन हमलों में 40 लोग घायल हुए हैं।
दुनिया के कई नेताओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की है। कैलिफोर्निया से अमेरिकी प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ और वकील रो खन्ना ने एक्स पर लिखा, “बांग्लादेशी छात्रों को पीएम हसीना के खिलाफ सिर्फ मानवाधिकारों की चिंता थी। यह अच्छा है कि वह चली गईं। लेकिन अब हिंदुओं को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा गलत है। पीएम यूनुस को कानून का शासन बनाए रखना चाहिए और हिंसा से मंदिरों या किसी भी राजनीतिक दल या धर्म के लोगों को निशाना बनाने से रोकना चाहिए।”
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