राजनीती

गडकरी का तंज: यूं ही नहीं बन जाएंगे विश्वगुरु, दूसरों को बदलने से पहले खुद को बदलो

पुणे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में सरकार पर इशारों में तंज कसा है। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर भारत, पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और विश्वगुरु बनाने की बातें होती हैं, लेकिन इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लोगों को पहले खुद में बदलाव लाना चाहिए। गडकरी सांगली में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर यह टिप्पणी कर रहे थे, जहां एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी उपस्थित थे। गडकरी ने कहा कि अगर लोग शिवाजी महाराज के गुणों को अपनाएं, तो यह समाज और देश के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूसरों को बदलने के लिए कहना आसान है, लेकिन सलाह देने से पहले खुद से शुरुआत करनी होगी। हालांकि, उन्होंने अपने इशारों से यह नहीं बताया कि उनका इशारा किसकी ओर था।
उन्होंने राजनीति में जाति, नकदी और अपराध को बड़े तत्वों के रूप में बताया और कहा कि राजनीति के शुद्धिकरण के लिए नेताओं को शिवाजी महाराज के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। गडकरी ने यह भी कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में स्पष्ट किया था कि वे जाति आधारित राजनीति में शामिल नहीं होंगे, चाहे उन्हें वोट न मिले। कार्यक्रम में शरद पवार ने अपना भाषण दिया, लेकिन वे गडकरी के आने से पहले ही कार्यक्रम स्थल से चले गए। केंद्रीय मंत्री गडकरी निर्धारित समय से करीब आधे घंटे देरी से पहुंचे।

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