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रायपुर में विजयादशमी पर होगा 101 फीट ऊंचे रावण का दहन, जानें क्या हैं विशेष तैयारी

विजयदशमी पर्व, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है, इस शनिवार को पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे हर साल रावण के पुतले का दहन करके मनाया जाता है। इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे बड़े-बड़े रावण के पुतले, जो विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं।

शस्त्र पूजन और रावण दहन का कार्यक्रम

दशहरा के अवसर पर सुबह से ही मंदिरों में शस्त्र पूजन का आयोजन होगा, जहां लोग अपने शस्त्रों की पूजा करेंगे। इसके बाद रात में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा, जिसमें लोग बुराई के प्रतीक रावण को आग के हवाले करके अपने दुःख-दर्द को दूर करने की कोशिश करेंगे।

डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में सबसे बड़ा उत्सव

प्रदेश का सबसे बड़ा दशहरा उत्सव डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में आयोजित किया जाएगा, जहां इस वर्ष 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है। इस आयोजन में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रीगण शामिल होंगे और वे बटन दबाकर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व का भी है, जिसमें लोग एकजुट होकर विजय का जश्न मनाते हैं।

रामसेना का उद्घाटन

दूधाधारी मठ के अध्यक्ष ने जानकारी दी कि दूधाधारी मठ से बालाजी की पालकी निकाली जाएगी, जिसमें श्रीराम की सेना रावणभाठा मैदान पहुंचेगी। रामलीला का आयोजन करने के बाद 65 फीट ऊंचे रावण का पुतला जलाया जाएगा। यह आयोजन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों का भी समावेश करता है।

छत्तीसगढ़ नगर का उत्सव

छत्तीसगढ़ नगर दशहरा उत्सव समिति के तहत 60 फीट का रावण और 35-35 फीट के कुंभकर्ण और मेघनाद का दहन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, शहर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे सप्रे शाला, टिकरापारा स्थित सरजूबांधा तालाब के किनारे, चौबे कॉलोनी, श्याम नगर, बीटीआई ग्राउंड शंकर नगर, लाखेनगर, आमापारा और पंडरी में भी रावण दहन की तैयारी की जा रही है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

दशहरा उत्सव में न केवल रावण दहन होगा, बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। रामलीला, लोक संगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ इस पर्व की विशेषता रहेंगी। यह अवसर लोगों को एकत्रित करके सामुदायिक भावना को प्रोत्साहित करता है और भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दर्शाता है।

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