एनपीएस स्कीम: निजी सेक्टर में बढ़ता रुझान, 1.54 करोड़ लोग जुड़े
राजनीतिक वजहों से सरकार वर्ष 2004 से लागू नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने जा रही है, लेकिन रिटर्न दर और बुढ़ापे में पेंशन की सुविधा को देखते हुए निजी सेक्टर को अब एनपीएस पसंद आने लगी है।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में निजी सेक्टर के 9.12 लाख लोग एनपीएस से जुड़े, जो पूर्व के वित्त वर्ष के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है। अभी सरकारी और निजी सेक्टर को मिलाकर एनपीएस से 1.54 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं जिनमें 94 लाख सरकारी (केंद्र व राज्य मिलाकर) तो 60 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारी शामिल हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2004 में एनपीएस की शुरुआत की गई थी जबकि निजी सेक्टर के लिए पांच साल के बाद वर्ष 2009 में एनपीएस को खोला गया था।
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) भी अब निजी सेक्टर के अधिक से अधिक लोगों को एनपीएस से जोड़ने की तैयारी कर रहा है ताकि उन्हें 60 साल के बाद पेंशन के रूप में अच्छी रकम मिलती रहे। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पीएफआरडीए ने 11 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारियों को एनपीएस से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
वर्तमान में देश में 11 प्रतिशत लोग 60 साल से अधिक आयु के हैं और वर्ष 2050 तक उनकी हिस्सेदारी 21 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। एनपीएस इन लोगों को सम्मानित पेंशन सुविधा देने में काफी मददगार हो सकती है।
इक्विटी, बांड और सिक्युरिटीज होता है योगदान
पेंशन को लेकर सजग निजी सेक्टर के कर्मचारी मुख्य रूप से एनपीएस की रिटर्न दर को देख इस ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। पिछले तीन सालों में पेंशन फंड का इक्विटी रिटर्न औसतन हर साल 20 प्रतिशत तो पिछले बीस सालों में एनपीएस का औसतन इक्विटी रिटर्न हर साल 14 प्रतिशत का रहा है।
पिछले तीन सालों में एनपीएस का कारपोरेट बांड रिटर्न सात प्रतिशत तो सरकारी सिक्युरिटीज रिटर्न नौ प्रतिशत से अधिक का रहा है। एनपीएस के तहत कर्मचारियों का योगदान इक्विटी, बांड, सिक्युरिटीज जैसी जगहों पर लगाया जाता है और उस रिटर्न से व्यक्तिगत रूप से कर्मचारियों का फंड तैयार होता है। ऊंचे रिटर्न की वजह से एनपीएस का कुल फंड 13 लाख करोड़ को छूने वाला है जिसमें पिछले एक साल में 28 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
75 साल की उम्र तक जारी रहता है एनपीएस फंड
एनपीएस से जुड़ने वाले कर्मचारी 60 साल की उम्र के बाद अपने कुल फंड के 40 प्रतिशत हिस्से से खुद और अपनी पत्नी के लिए आजीवन पेंशन की खरीदारी कर सकते हैं। बाकी के 60 प्रतिशत राशि को एकमुश्त रूप में वे हासिल कर सकते हैं। कोई चाहे तो वह 75 साल की उम्र तक एनपीएस फंड को जारी रख सकता है। मात्र 1000 रुपये सालाना योगदान से एनपीएस फंड की शुरुआत हो सकती है।
एनपीएस ट्रस्ट के चेयरमैन की नियुक्ति
पीएफआरडीए ने चित्रा जयसिम्हा को एनपीएस ट्रस्ट का चैयरपर्सन नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ती गत 17 अक्टूबर से प्रभावी होगी। पिछले चार सालों से चित्रा एनपीएस ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में अपनी सेवा दे रही थी। उन्हें लगभग दो दशक तक विभिन्न इंश्योरेंस सेक्टर में अपनी सेवा देने का अनुभव रहा है।