मप्र की हर सरकारी बिल्डिंग पर लगेगा सोलर पावर प्लांट
भोपाल। मप्र के स्कूल,कॉलेज,अस्पतालों से लेकर कलेक्टर, एसपी ऑफिस और भोपाल में मंत्रालय सोलर एनर्जी से संचालित होंगे। इसके लिए रिन्यूएबल एनर्जी डिपार्टमेंट काम कर रहा है। मप्र के नव-करणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने भोपाल में अपने सरकारी आवास पर मीडिया से चर्चा में यह जानकारी दी।
मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि अभी मध्य प्रदेश में सोलर एनर्जी से 7000 मेगावॉट तक उत्पादन हो रहा है। 8000 मेगावॉट और उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच करार हुआ है। जिसमें हम 8000 मेगावॉट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन का प्लान कर रहे हैं। छह-छह महीनों के अंतराल से मप्र और उत्तर प्रदेश दोनों राज्य इस ऊर्जा का उपयोग करेंगे।
इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी के लिए भी करेंगे प्रयास
मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि 2028 तक हम 20000 मेगावॉट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन के टारगेट को पाने का प्रयास कर रहे हैं। नव करणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश अग्रणी बने इसके लिए मुख्यमंत्री जी लगातार प्रयास कर रहे हैं। ईवी(इलेक्ट्रिक व्हीकल) पर सब्सिडी देने के प्रस्ताव पर मंत्री ने कहा- मुख्यमंत्री जी की सलाह से इस पर भी गंभीरता से मंथन कर इस ओर भी आगे बढ़ेंगे।
चंबल के बीहड़ में सोलर प्लांट लगाने के प्रयास
नव करणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा- मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र में बीहड़ की जमीन है। हम उसमें लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरीके से सोलर प्लांट वहां स्थापित हो। लेकिन बीहड़ में थोड़ी सी टेक्निकल परेशानी है। उसको दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं। बहुत जल्दी भिंड में भी जगह चिह्नित हो जाएगी और बीहड़ क्षेत्र में सोलर प्लांट लगेंगे।
ओंकारेश्वर के फ्लोटिंग सोलर प्लांट में एक कील भी विदेशी नहीं
मंत्री शुक्ला ने कहा कि ओंकारेश्वर का फ्लोटिंग सोलर प्लांट पूरी तरह से स्वदेशी है। इसकी पूरी मैन्युफैक्चरिंग इंदौर में हुई है। जब आइटम स्वदेशी होगा तो रेट में कमी आएगी। मंत्री ने कहा- मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि ओंकारेश्वर का फ्लोटिंग सोलर प्लांट पूर्ण रूप से स्वदेशी है। उसमें एक कील भी विदेश की नहीं लगी है। यह हमारे लिए गौरव की बात है।