भिलाई । प्रख्यात लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय ने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में जनसंपर्क विभाग छत्तीसगढ़ शासन के पैवेलियन पर शानदार माहौल बना दिया। रिखी और उनके समूह की प्रस्तुति की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खुल कर तारीफ की। इस दौरान जब रिखी क्षत्रिय ने लोहाटी बाजा के साथ सरगुजिहा करमा की धुन छेड़ी तो मुख्यमंत्री साय भी खुद को रोक न सके। श्री साय ने मांदर पर थाप देते हुए करमा नृत्य किया। जिस पर रिखी और उनके साथियों ने भी जमकर नृत्य प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय राज्योत्सव का आयोजन किया गया था। इस दौरान लगाई गई प्रदर्शनी में जनसंपर्क विभाग के पैवेलियन में लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय अपने दल के साथ आदिवासी अंचल के दुर्लभ वाद्ययंत्र लेकर पहुंचे थे। यहां पहुंचने वाले आगंतुकों ने रिखी क्षत्रिय के इस दुर्लभ संग्रह को बेहद जिज्ञासा के साथ देखा और जरूरी जानकारी ली। यहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी पहुंचे। उन्होंने रिखी और उनके समूह को बधाईयां दी और भविष्य में भी छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति को देश-विदेश में पहुंचाने के लिए शुभकामनाएं दी। इस दौरान रिखी क्षत्रिय और उनके समूह ने सरगुजिहा करमा की धुन पर शानदार लोकनृत्य प्रस्तुत किया। आदिवासी अंचल के नृत्य की शानदार प्रस्तुति देख मुख्यमंत्री साय भी खुद को रोक न सके और मांदर लेकर थाप देते हुए उन्होंने भी नृत्य में साथ दिया। इस दौरान रिखी और उनके समूह ने दुर्लभ वाद्य यंत्रों चटकोला , टिमकी , मोहरी , खनखना , ठडका , चरहे , सींग बाजा , खल्लर और चटका आदि बजा कर समां बांध दिया। रिखी के साथ प्रस्तुति देने वाले सहायक कलाकारों में कुलदीप सार्वा, रामकुमार पाटिल, डोरे लाल, कमल, उग्रसेन देवदास, अजीत, राजेश, दिनेश वर्मा, शिवम, परम रजक, संजीव, प्रदीप, नवीन, सुनील, प्रमोद ठाकुर, वेन कुमार, दादू, रिंकू, रंजीत, कुमारी अनुराधा, जया, जागेश्वरी, नेहा, प्रियंका, चंचल, लीना, हेमा, छोटी, ओमेश्वरी साहू और गीतांजलि साहू भी शामिल हैं।
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