बिलासपुर
जीवन मूल्यों के प्रयोगधर्मी कवि और नई कविता को विशिष्ट स्वरूप प्रदान करने वाले युग कवि मुक्ति बोध के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रसंग मुक्तिबोध का आयोजन डीपी चौबे स्मृति ट्रष्ट भवन बिलासपुर के सभागार में सम्पन्न हुआ ।दो दिवसीय (16,17 नवम्बर ) आयोजन के प्रथम दिवस 16 नवम्बर के
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध आलोचक वीरेंद्र यादव ने की ।मुख्य वक्ता वरिष्ठ,कवि, कथाकार रणेंद्र थे ।आलोचक जयप्रकाश द्वारा मुक्तिबोध की जीवनी पर लिखी कृति एक अधूरी दीर्घ कविता पर आधारित यह आयोजन था । इस वैचारिक आयोजन के वक्ता डॉ कल्याणी वर्मा, नन्द कुमार कंसारी, थे ।बिलासपुर प्रलेसं के अध्यक्ष हबीब खान इस अवसर पर प्रमुखता से उपस्थित थे ।आधार वक्तव्य प्रलेसं सचिव रफीक खान ने दिया ।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता रणेंद्र ने विस्तार से व्याख्या करते हुए कहा मुक्ति बोध संस्कृति के विरुद्ध कभी नही रहे। वे यथास्थितिवाद के खिलाफ थे जो हमें परिवर्तन करने से रोकता है ।
प्रेमचंद को पढ़कर उनकी मां ने मुक्तिबोध को साहित्य की पहली शिक्षा दी । अध्यक्षता कर रहे प्रखर आलोचक वीरेंद्र यादव ने कहा कि आज के भयावह दौर में प्रतिरोध की बात करना बड़ी बात है ।मुक्तिबोध की सारी रचना समाज को बेहतरी की ओर ले जाने वाली है उनकी सोच कबीर की सोच थी ।
इस अवसर पर जयप्रकाश ने अपनी कृति में उल्लेखित मुक्तिबोध के संघर्षपूर्ण जीवनी को रेखांकित किया ।कुसुम माधुरी टोप्पो ने मुक्तिबोध की कविताओं का पाठ किया। आरम्भ में संरक्षक राजेश्वर सक्सेना के शुभकामना संदेश को प्रोजेक्टर में प्रसारित किया गया । इप्टा बिलासपुर के अध्यक्ष अरुण दाभड़कर ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला । आयोजन का संचालन छत्तीसगढ़ प्रलेसं के महासचिव परमेश्वर वैष्णव ने किया ।
आभार प्रदर्शन प्रलेसं बिलासपुर सचिव अशोक शिरोडे करते हुए नथमल शर्मा के शुभकामना संदेश की सूचना दी। इस आयोजन में सत्यभामा अवस्थी, लोकबाबू ,नरेश अग्रवाल,हबीब खान, आर के सक्सेना,मंगला देवरस,सचिन शर्मा,मधुकर गोरख,मुस्ताक मकवाना,लखन सिंह,कोमल सिंह शारवा,श्याम बिहारी बनाफर,विमल झा,साक्षी शर्मा,प्रमिथियस ठाकुर संकल्प यदु मांझी अनन्त,पोषल वर्मा,विश्वासी एक्का, मृदुला सिंह आशा शर्मा,आदि साहित्यकार उपस्थित थे
आयोजन के अंत मे राजकमल नायक के निर्देशन में मुक्तिबोध की कविताओं पर आधारित नाट्य मंचन इप्टा बिलासपुर द्वारा किया गया । वरिष्ठ कवि वेद प्रकाश अग्रवाल, और डॉ आलोक वर्मा की अध्यक्षता में और संजय शाम के संचालन में काव्य पाठ का आयोजन किया गया ।जिसमें छत्तीसगढ़ प्रलेसं की विभिन्न जिला इकाइयों से आये कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया ।
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