मध्यप्रदेशराज्य

चौड़ी सडक़ों पर खरीद सकेंगे एफएआर

भोपाल। भोपाल, इंदौर सहित बड़े शहरों में जैसी रोड होगी, वैसे निर्माण की परमिशन मिलेगी। यानी सडक़ की चौड़ाई के हिसाब से तय किया जाएगा कि इसके आसपास कितना निर्माण किया जा सकता है। यह मौजूदा के मुकाबले दोगुना तक होगा। हालांकि तय फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) से अधिक खरीदना पड़ेगा। इससे मिलने वाली राशि संबंधित नगर निगम के खाते में जाएगी। मुख्य सचिव अनुराग जैन को हाल में दिए प्रेजेंटेशन में यह जानकारी दी गई है।उन्हें भोपाल और इंदौर के प्रस्तावित मास्टर प्लान के साथ ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) के प्रावधानों के बारे में भी बताया गया है। इस दौरान सीएस ने मास्टर प्लान में देरी पर नाराजगी भी जाहिर की है। बैठक में बताया गया कि 18 मीटर सडक़ के आसपास व्यवसायिक निर्माण की अनुमति दी जा सकेगी। इसके साथ सिक्स लेन रोड पर भी इस तरह की परमिशन देने की तैयारी है। बड़ी सडक़ों के दोनों ओर अभी एफएआर 1.25 है। इसे बढ़ा कर 2.5 किया जाएगा। एफएआर बेचने से भोपाल में 200-300 करोड़ और इंदौर में 400-500 करोड़ रुपए नगर निगमों को मिलने का अनुमान है।

मेट्रो रूट के दोनों ओर ढाई गुना निर्माण हो सकेगा
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेट को आकार दे रहा है। इन शहरों में रूट के दोनों ओर ट्रांजिट ओरियंटेड डेवलपमेंट पर अमल किया जाना है। इसके लिए कॉर्पोरेशन ने मेट्रो रूट के आसपास लोर एरिया रेशो 2.5 करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा था। बताया जा रहा है कि इस पर सहमति बन चुकी है। रूट के दोनों ओर 300 मीटर एरिया तक एफएआर 4 तक दिया जा सकता है। ऐसा होने पर एक हजार वर्गफीट के प्लॉट पर 3000 वर्गफीट से अधिक निर्माण किया जा सकेगा। यहां मिस डेवलपमेंट किया जाएगा। यानी बहुमंजिला इमारतों में मकानों के साथ दुकान, ऑफिस और कॉम्पलेस का निर्माण किया जा सकेगा। इसके अलावा नगरीय विकास एवं आवास विभाग दोनों शहरों में मेट्रो रूट के आसपास की लोकल एरिया प्लानिंग भी कराएगा। वहां चौड़ी रोड, फुटपाथ समेत अन्य विकास कार्य कराए जाएंगे।

अब तक यह हुआ
इंदौर के चार मार्गों और भोपाल के मेट्रो कॉरीडोर को जनरेटिंग एरिया अधिसूचित किया किया गया। भोपाल और इंदौर के पूरे नगर निगम क्षेत्र को रिसीविंग एरिया के तौर पर नोटिफाई किया जा चुका है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन की विकास योजनाओं में 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ाई के मार्गों के तहत आने वाली भूमि को जनरेटिंग एरिया अधिसूचित किया गया है। भोपाल और इंदौर के मेट्रो रूट व डिपो मेट्रोपॉलिटन एरिया में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में रूट के दोनों ओर ज्यादा निर्माण की अनुमति समेत अन्य विशेष प्रावधानों पर अमल किया जा सकेगा।

प्लानिंग में शामिल क्षेत्रों में फिर हो सकेगा विकास
मास्टर प्लान 2031 के ड्राट में प्लानिंग एरिया में शामिल किए गए 300 वर्ग किमी नए क्षेत्र में एफएआर 1.25 से घटा कर 0.25 प्रस्तावित किया गया था। वहां निर्माण के लिए अतरित एफएआर खरीदना पड़ता। ऐसे में आम लोगों के साथ बिल्डर्स ने भी इसका विरोध किया था। अब इसे बढ़ा कर 0.50 तक किया जा सकता है। इसके साथ इंदौर रोड समेत अन्य क्षेत्रों के किसानों की एक हजार एकड़ से अधिक जमीन कैचमेंट एरिया में कर दी गई थी। भोपाल के मेंडोरा-मेंडोरी समेत कई क्षेत्रों में लो डेंसिटी रेसीडेंशियल व सिटी फॉरेस्ट प्रस्तावित कर दिया गया था। इसमें भी बदलाव मास्टर प्लान 2047 में किया जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button