छत्तीसगढ़राज्य

शीतलहर: ठंड ने बदली दिनचर्या, सुबह देरी से खुल रही नींद

बिलासपुर

न्यायधानी में सुबह-सुबह शहर को ठंडी हवाओं और हल्के कोहरे ने अपनी चादर में लपेट लिया है। लोगों को सूर्य की पहली किरणें देखने के लिए अब देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। सुबह के वक्त रजाई छोड़ना किसी चुनौती से कम नहीं लगता।
सूरज की गर्माहट भी दिन चढ़ने पर ही महसूस हो रही है। रविवार को न्यूनतम तापमान 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.3 डिग्री कम है। शीतलहर जैसी स्थिति ने न केवल जनजीवन को धीमा कर दिया है, बल्कि आम दिनचर्या से लेकर खान-पान और बाजारों तक सब कुछ बदल दिया है।

सुबह ठंडी हवाओं के कारण लोग घरों में दुबके रहने को मजबूर हैं। खेल मैदानों में अब सूरज उगने के बाद ही गतिविधियां शुरू हो रही हैं। लोग देर तक रजाई में रहते हैं। रूम हीटर और अलाव ठंड से बचाव का प्रमुख साधन बन गए हैं।

ठंड के चलते बदल रही आदतें
सर्दी के असर ने रसोई के रुझान को भी बदल दिया है। अब घरों में गर्म तासीर वाले भोजन को प्राथमिकता दी जा रही है। दाल-चावल के साथ-साथ अदरक वाली चाय, सूप और मेथी, सरसों जैसी सब्जियां लोगों के मेन्यू में शामिल हो गई हैं। फ्रीज में रखे ठंडे पानी और खाद्य पदार्थों से लोग बच रहे हैं। आइसक्रीम, दही और छाछ का सेवन लगभग बंद हो चुका है।

शहर में गर्म कपड़ों की मांग बढ़ी
बाजारों में गर्म कपड़ों की रौनक देखते ही बन रही है। स्वेटर, जैकेट, मफलर, शाल और दस्ताने खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। कपड़ा विक्रेता आर वाधुमल के अनुसार ठंड के बढ़ते प्रकोप के कारण ऊनी कपड़ों की बिक्री में तेजी आई है। शनिचरी, तेलीपारा, पुराना बस स्टैंड, बुधवारी और सरकंडा क्षेत्र के दुकानों में देर रात तक ग्राहकी बनी रहती है।

स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रभाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ठंड में बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनने, गर्म पानी पीने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं। सुबह की हल्की धूप में बैठना और गर्म तरल पदार्थों का सेवन करने से सर्दी से बचा जा सकता है। इधर लोग सर्द हवाओं के कारण लोग घरों में जल्दी लौट रहे हैं। अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिशें हो रही हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भी अलाव की व्यवस्था देखी जा रही है।

उत्तर से आ रही ठंडी हवाएं
मौसम विज्ञानी डा.एचपी चंद्रा के मुताबिक उत्तर से आने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं का आगमन लगातार जारी है। वातावरण के मध्य स्तर में नमी का आगमन प्रारंभ हो रहा है, जिसके कारण न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। 26 नवंबर से दक्षिण छत्तीसगढ में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है। पिछले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में बहुत हल्की वृद्धि हुई है।

पांच दिनों में न्यूनतम तापमान
24 नवंबर 14.4
23 नवंबर 13.2
22 नवंबर 13.6
21 नवंबर 14.6
20 नवंबर 14.4

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