व्यापार

EPFO 3.0: अब एटीएम से निकाला जा सकेगा पीएफ का पैसा, सरकार का बड़ा फैसला

सरकार ईपीएफओ 3.0 पहल के तहत ईपीएफओ मेंबर्स की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई उपाय पेश करने की तैयारी कर रही है. इस योजना के तहत केंद्रीय श्रम मंत्रालय कर्मचारियों के पेंशन कंट्रीब्यूशन और डेबिट कार्ड के समान एक एटीएम कार्ड जारी करने पर विचार कर रहा है. खास बात तो ये है कि इस कार्ड से ईपीएफओ मेंबर्स भविष्य में पीएफ का पैसा सीधे एटीएम निकाल सकेंगे.

इस योजना के मई-जून 2025 तक लागू होने की उम्मीद है.वर्तमान में, ईपीएफ मेंबर्स को ईपीएफ खाते से जुड़े अपने बैंक अकाउंट में विड्रॉल अमाउंट ट्रांसफर करने के लिए 7 से 10 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है. यह सभी विड्रॉल औपचारिकताओं को पूरा करने और ईपीएफओ को जरूरी डॉक्युमेंट डिपॉजिट करने के बाद होता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन पर लगी 12 फीसदी की सीमा को हटाने पर विचार कर रही है. यह परिवर्तन कर्मचारियों को उनकी सेविंग के आधार पर अधिक योगदान करने का ऑप्शन दे सकते है. हालांकि, इंप्लॉयर का योगदान निश्चित रहेगा, जिसकी गणना कर्मचारी के वेतन के फीसदी के रूप में की जाएगी. मौजूदा समय में कर्मचारी और इंप्लॉयर दोनों कर्मचारी प्रोविडेंट फंड में 12 फीसदी का योगदान करते हैं. इंप्लॉयर के योगदान में से 8.33 फीसदी EPS-95 के तहत पेंशन कटौती में जाता है और 3.67 फीसदी EPF में जाता है.

क्या पेंशन में भी होगा इजाफा?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्मचारी पीएफ कंट्रीब्यूशन पर लगी सीमा हटाई जा सकती है, जबकि इंप्लॉयर का योगदान 12 फीसदी पर स्थिर रहेगा. इस बदलाव का असर पेंशन राशि पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि पेंशन अंशदान भी 8.33 फीसदी पर ही स्थिर रहेगा. पेंशन राशि तभी बढ़ेगी जब सरकार पीएफ कटौती के लिए वेतन सीमा बढ़ा देगी, जो वर्तमान में 15,000 रुपए निर्धारित है. अटकलें हैं कि केंद्र इस सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपए कर सकता है. हालांकि, कर्मचारियों के अधिक योगदान से उन्हें 58 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद एक बड़ा रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद मिलेगी.

हालांकि, ईपीएफओ मेंबर्स को वॉलेंटरी पीएफ (वीपीएफ) का विकल्प चुनकर अधिक योगदान करने की अनुमति देता है. कर्मचारी अपने अनिवार्य 12 फीसदी योगदान से अधिक पीएफ कटौती की मांग कर सकते हैं. अधिकतम वीपीएफ योगदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100 फीसदी तक हो सकता है, जिसमें मूल योगदान के समान ब्याज दर भी हो सकती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button