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सुप्रीम कोर्ट का आदेश: अभिषेक दुबे को पुलिस जांच में सहयोग करना अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में जमीन हड़पने के आरोपी अभिषेक दुबे उर्फ जीतू को जांच में सहयोग करने और पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर पेश होने का आदेश दिया है। हालांकि अभिषेक दुबे की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक फिलहाल जारी है। ये आदेश मंगलवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अभिषेक दुबे की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिये।

अभिषेक दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमीन हड़पने का मामला रद करने की मांग की है। हाई कोर्ट ने मांग खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका है। अभिषेक की कुल तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2022 को शुरुआती सुनवाई में ही याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अभिषेक की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

मालूम हो कि अभिषेक अनुराग दुबे उर्फ डब्बन का भाई है। अनुराग दुबे के खिलाफ भी जमीन हड़पने का मामला दर्ज है और गैंगेस्टर एक्ट में भी मामला दर्ज है गत 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग की अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने अनुराग को गिरफ्तार करने पर रोक लगाते हुए यहां तक मौखिक टिप्पणी की थी कि यूपी पुलिस पावर का आनंद ले रही है उसे संवेदनशील होने की जरूरत है।

कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि डीजीपी को बता दीजिएगा कि अगर उसे (अनुराग दुबे) हाथ लगाया तो ऐसा आदेश देंगे कि याद रहेगा। मंगलवार को अनुराग के भाई अभिषेक याचिका कोर्ट में सुनवाई पर लगी थी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि अभिषेक जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जबकि याचिकाकर्ता दुबे के वकील अभिषेक चौधरी ने प्रदेश सरकार के सहयोग न करने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि 30 नवंबर को पुलिस ने उसे नोटिस भेजा था और दो दिसंबर को पेश होने को कहा था क्योंकि 3 दिसंबर को कोर्ट में केस लगा था।

वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पुलिस को दो साल से अपना फोन नंबर दिया है पुलिस ने उसे कभी नहीं बुलाया। शुरुआत में कोर्ट इसे अनुराग का केस समझ रहा था लेकिन वकील ने बताया कि यह दूसरा मामला है यह अभिषेक उर्फ जीतू का मामला है जो कि अनुराग का भाई है। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि जांच निष्कर्ष पर पहुंचनी चाहिए।

पुलिस उसे दिन में 10 से पांच के बीच बुलाएगी
याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेगा जब उसे पुलिस बुलाएगी तो वह पेश होगा। कोर्ट ने गिरफ्तारी से संरक्षण का आदेश जांच में सहयोग करने की शर्त पर दिया था। प्रदेश सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ नौ मामले लंबित हैं। कोर्ट ने अभिषेक को जांच में सहयोग करने का आदेश देते हुए कहा कि जब पुलिस बुलाएगी तब वह पेश होगा। पुलिस उसे दिन में 10 से पांच के बीच बुलाएगी।

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