मध्यप्रदेशराज्य

स्वास्थ्य विभाग को केन्द्र से 3168 करोड़ की दरकार

भोपाल। राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है कि आम आदमी को हर हाल में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले और उपचार के लिए उसे आर्थिक संकट का सामना न करना पड़ें। इन प्रयासों में केन्द्र से आर्थिक मदद समय पर न मिल पाने से प्रदेश सरकार की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी आयुष्मान जैसी योजना भी प्रभावित तो हो ही रही है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की योजना भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। दरअसल , इन दोनों ही कामों के लिए केन्द्र सरकार से फंड मिलता है, जो बीते पांच माह से अटका हुआ है। एक तरफ जिला स्तरीय अमले का अस्पतालों में टोटा है, वहीं सरकार पैसा देने के नाम पर ठेंगा बता रही है। आयुष्मान योजना सहित अन्य योजना के लिए केंद्र सरकार से 4360 करोड़ रुपए मिलना थे, जिसके एवज में सिर्फ 1192 करोड रुपए से ही संतोष करना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार से विभाग द्वारा तैयार किए गए बजट के अनुसार राशि प्राप्त नहीं हो पा रही है। दरअसल, राज्य सरकार ने बजट में 6 हजार 7 सौ छह करोड़ का प्रावधान किया था। जिसमें राज्य का हिस्सा 2 हजार 3 सौ 45 करोड़ प्राप्त होना था। केन्द्र से मिलने वाली राशि में से केन्द्र सरकार से जुलाई माह तक महज 11 सौ 92 करोड़ रूपए ही मिल सके हैं।

लडखड़़ा सकती है स्वास्थ्य सुविधाएं
दरअसल, स्वास्थ्य सुविधाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार ने बजट प्रावधान एवं केन्द्र से प्राप्त स्वीकृतियों का खाका तैयार किया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने जो बजट प्रावधान किया है उनमें विभाग के लोगों के लिए परिवार कल्याण का प्रशिक्षण, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत, केन्द्र की राशि से वेतन भत्तों पर व्यय, राज्य स्तरीय परिवार कल्याण संगठन के कार्यों के लिए, ड्रग्स रेग्यूलरटी सिस्टम के सुदृढ़ीकरण, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना, इसके अलावा अन्य योजनाओं में बजट प्रावधान रखा गया। लेकिन बजट के अभाव में उक्त योजनाओं में व्यवस्थित तरीके से कार्य नहीं हो पा रहा है।

सिकलसेल एनीमिया का पैसा भी अटका
राज्य सरकार ने अपने बजट प्रावधान में ऑक्जीलियरी नर्स, मिड वाइफ एवं हैल्थ ब्रिजीटर्स को परिवार कल्याण के प्रशिक्षण के लिए 23.71 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्ति योग राषि 23.71 करोड़, उप स्वास्थ्य केन्द्र में 668.17 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त होने वाली राशि 668.17 करोड़, क्षेत्रीय परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र 4.62 करोड़, सिकलसेल एनेमिया 38.79 करोड़, जिला स्तरीय अमला 87.72 करोड़, आयुष्मान भारत 981.20 करोड़, केन्द्र की राषि से वेतन भत्तों पर व्यय 41.10 करोड़, बहुउद्देष्यीय कार्यकर्ता योजना 7.79 करोड़, राज्य स्तरीय परिवार कल्याण संगठन 3.57 करोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 45 सौ करोड़, कोविड़ 19 का उपचार एवं प्रबंधन केन्द्रीय हिस्से के 50 प्रतिशत राशि, प्रधान मंत्री आत्म निर्भर स्वास्थ्य योजना में केन्द्रीय हिस्से के 50 प्रतिषत राषि, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा षिक्षा के लिए मानव संसाधन 50 प्रतिशत राशि, टरसियरी केयर कार्यक्रम में भी केन्द्रीय हिस्से से 50 प्रतिशत राशि के अलावा प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फास्ट्रकचर मिशन के तहत् 345.53 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया। हालाकि कुछ योजनाओं में बजट के अनुसार सौ प्रतिशत, 60 प्रतिशत, एवं 50 प्रतिशत के हिसाब से राशि प्राप्त होना है। लेकिन बजट के अनुसार उक्त राशि प्राप्त ना होने से स्वास्थ्य सुविधाए लडखड़़ा रही है। हालांकि जिम्मेदार अफसर प्रयासरत है। लेकिन अभी सभी मदों में बजट के अनुसार राशि केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हो सकी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button