2025 के पहले हफ्ते में किया इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, तो सालभर बनी रहेगी नवग्रहों की कृपा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन पर नवग्रह का शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है. जब बच्चा जन्म लेता है, तो उसके जन्म का समय, जन्म की तारीख और जन्म स्थान के आधार पर उसकी कुंडली बनाई जाती है. कुंडली बनाने पर मालूम होता है कि व्यक्ति या बच्चे के जीवन में किन ग्रहों का सकारात्मक फल मिलेगा और किन ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव पड़ने से जीवन में समस्याएं आएंगी. जिस ग्रह का भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, उस ग्रह की शांति के लिए उपाय किए जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की कुंडली में कुल 9 ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रह होते हैं. सभी नवग्रह समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन करते रहते हैं. यदि नवग्रह शांति के उपाय किए जाए, तो जीवन में आ रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.
कि व्यक्ति के जीवन को नवग्रह प्रभावित करते हैं. इन नवग्रह का व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होता है. नवग्रह एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन होते रहते हैं, जिसका सभी 12 राशियों पर अच्छा और बुरा प्रभाव होता है. यदि किसी राशि पर नवग्रह का कोई ग्रह गलत भाव में विराजमान होकर नकारात्मक फल प्रदान कर रहा है, तो ज्योतिष शास्त्र में वर्णित उपाय को विधि अनुसार करने पर उस ग्रह की शांति हो जाती है. वह बताते हैं कि साल 2025 आने वाला है, ऐसे में यदि ग्रहों के अनुसार ग्रह गायत्री का पाठ 1008 बार साल 2025 के शुरुआती सप्ताह में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने घर के देवालय में बैठकर पवित्र मन से विधि अनुसार किया जाए, तो सालभर सभी ग्रहों का सकारात्मक फल प्राप्त होगा.
सालभर मिलेगा सकारात्मक फल
उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर 1 जनवरी 2025 बुधवार को है और बुधवार का दिन बुध ग्रह के निमित्त बुध गायत्री का पाठ 1008 बार करने पर बुध ग्रह की शांति होती है और बुध गलत भाव में होने पर भी सालभर सकारात्मक फल प्रदान करेंगे. ऐसे ही 2 जनवरी बृहस्पति ग्रह, 3 जनवरी शुक्र ग्रह, 4 जनवरी शनि, राहु और केतु ग्रह, 5 जनवरी सूर्य ग्रह, 6 जनवरी चंद्र ग्रह और 7 जनवरी मंगल ग्रह के गायत्री मंत्र का पाठ 1008 बार करने पर सालभर सकारात्मक फल प्राप्त होगा. ग्रह गायत्री का पाठ ग्रहों के दिन के अनुसार कभी भी करने पर ग्रह का सकारात्मक फल प्राप्त होता है. ग्रह गलत भाव में होने के बाद भी सकारात्मक फल प्रदान करते हैं.
1 जनवरी 2025 दिन बुधवार को बुध ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ सौम्यरूपाय विद्महे, वाणेशाय धीमहि, तन्नो बुधः प्रचोदयात् ।
2 जनवरी 2025 दिन बृहस्पतिवार को बृहस्पति ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ अङ्गिरसाय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरू प्रचोदयात् ।
3 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार को शुक्र ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ भृगुसुताय विद्महे, दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात् ।
4 जनवरी 2025 दिन शनिवार को शनि, राहु और केतु ग्रह के निमित्त इन मंत्रों का जाप करें- शनि- ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे, मृत्युरूपाय धीमहि तन्नः सौरिः प्रचोदयात् ।
राहु के लिए- ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ।
केतु के लिए- ॐ पद्मपुत्राय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतुः प्रचोदयात् ।
5 जनवरी 2025 दिन रविवार को सूर्य ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ आदित्याय विद्महे भास्कराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।
6 जनवरी 2025 दिन सोमवार को चंद्र ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ अमृताङ्गाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमः प्रचोदयात् ।
7 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को मंगल ग्रह के निमित्त इस मंत्र का जाप करें- ॐ अङ्गारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ।
कि ग्रह गायत्री का पाठ साल 2025 के शुरुआती सप्ताह में करने पर साल भर नवग्रह जनित कष्टों से छुटकारा मिलेगा और ग्रह गलत भाव में होने के बाद भी सकारात्मक फल प्रदान करेंगे.