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छत्तीसगढ़-दंतेवाड़ा की साक्षी बनीं पायलट, ‘पापा जब फ्लाइट में बैठे, तब से संजोया था सपना’

दंतेवाड़ा।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के छोटे से कस्बा गीदम की रहने वाली साक्षी सुराना ने ऊंची उड़ान भरी है। उन्होंने अपने पिता के सपने को साकार किया है। अब वह पायलट बन चुकी है। अब फ्लाइट उड़ाने से सिर्फ एक कदम दूर हैं। इसके लिये उन्हें डीजीसीए से भी लाइसेंस मिल चुका है।

साक्षी हैदराबाद से ट्रेनिंग लेने के बाद पायलट बनकर अपने घर पहुंची। इसके बाद पूरे घर में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रदेश और देश में चर्चा का विषय बन गईं। उन्होंने बताया कि वो अपने पिता के सपने को साकार किया है। जब वो पहली बार फ्लाइट में बैठे थे तब से उन्होंने मुझे पायलट बनाने के लिये ठान लिया था। जिस दिन पहली उड़ान भरूंगी वह दिन पिता के नाम होगा। उनके पिता जवाहर सुराना व्यवसायी और कांग्रेस नेता हैं । उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार फ्लाइट में बैठा था उस समय महिला पायलेट को देखा तो मेरे मन में भी ख्याल आया कि बेटी को पायलट बनाऊंगा। ताकि वो भी ऊंची उड़ान भर सके। अब बेटी ने उनके सपने को साकार कर दिया है। इस बात को उसने साबित कर दिया है कि वाकई में बेटियां किसी से कम नहीं होती। उन्होंने अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कहा कि शुरुआत में मेरा पायलट बनने का मन नहीं था पर पापा ने सपना देखा था कि उनकी बेटी एक दिन प्लेन उड़ाएगी। उन्हीं के सपने को पूरा करने की ठानी। जब ट्रेनिंग ले रही थी तो मन में सिर्फ एक ही ख्याल आता था कि ये सपना खुद के साथ-साथ पापा का भी है जिसे पूरा करना है। मैंने शुरुआती शिक्षा दंतेवाड़ा के एक स्कूल से ली है। फिर रायपुर में आगे की पढ़ाई करने के लिये गई। वहां से हैदराबाद में पायलट की पढ़ाई करने गई। पायलट की पढ़ाई पूरी करने में  करीब तीन साल लग गया। इस दौरान हवाई जहाज उड़ाना, हवाई जहाज से जुड़ी सारी तकनीक जानकारी हासिल की। पढ़ाई के बाद डीजीसीए का लाइसेंस मिला तो सबसे पहले लाइसेंस को अपने पापा के हाथ में रखी। वे बहुत खुश हुए। दो महीने पहले ही डीजीसीए से अलग-अलग 2 लाइसेंस भी मिले हैं। एयर इंडिया में अप्लाई की हूं।

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