विदेश

रूस ने यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर जापोरिज्जिया पर किए हवाई हमले, 13 लोगों की हुई मौत; 63 घायल

कीव। रूस ने बुधवार को यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर जापोरिज्जिया पर हवाई हमले किए। इस हमले में कम से कम 13 लोग मारे गए और 63 घायल हो गए। विस्फोट से घायल निवासियों के साथ-साथ सड़क पर शव बिखरे पड़े थे। अधिकारियों ने कहा कि हमले वाली जगह पर बचाव कार्य पूरा हो चुका है।

एक ट्रॉम और एक बस को को बनाया निशाना
यूक्रेन के अभियोजक जनरल कार्यालय ने टेलीग्राम पर कहा कि एक औद्योगिक सुविधा और अन्य बुनियादी ढांचे के साथ ऊंचे अपार्टमेंट ब्लॉक क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें बताया गया कि मलबे ने एक ट्रॉम और एक बस को चपेट में ले लिया जिसमें यात्री सवार थे। जैसे ही आपातकालीन कर्मचारियों ने एक व्यक्ति को पुनर्जीवित करने की कोशिश की, पृष्ठभूमि में आग की तेज लपटें, धुआं और जली हुई कारें देखी जा सकती थीं।

यूक्रेन का दावा, स्वदेशी हथियार से रूस के 600 किमी अंदर मौजूद तेल डिपो किया तबाह
यूक्रेन ने रूस के अंदर एंगेल्स शहर में एक तेल डिपो पर हमला बोला। यह रूसी परमाणु बमवर्षक विमानों के लिए ईंधन की आपूर्ति करता था। हमले के बाद डिपो में भीषण आग लग गई। यह हमला इस मामले में महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि यूक्रेन का दावा है कि इसके लिए स्वदेशी हथियार का इस्तेमाल किया गया है। रूसी अधिकारियों ने क्षेत्र में बड़े ड्रोन हमले को स्वीकार किया है।

यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने कहा कि सीमा से लगभग 600 किलोमीटर पूर्व में रूस के सेराटोव क्षेत्र में एंगेल्स के पास तेल डिपो स्थित है। यूक्रेनी सेना ने क्रिस्टल तेल डिपो में कई विस्फोटों की सूचना दी। एंगेल्स वोल्गा नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार आलेक्जेंडर कामिशिन ने यह संकेत देने के लिए हैशटैग मेड इन यूक्रेन का इस्तेमाल किया कि हमले में इस्तेमाल हथियार पश्चिम द्वारा आपूर्ति नहीं किए गए थे।

यूक्रेन युद्ध में 12,300 से अधिक नागरिक मारे गए
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पिछले साल कहा था कि उनके देश ने ऐसा हथियार विकसित किया है, जो 700 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर हमला कर सकता है। कुछ यूक्रेनी ड्रोन हमलों ने 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर के लक्ष्यों को निशाना बनाया है।इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन युद्ध में 12,300 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। इसमें कहा गया है कि ड्रोन, मिसाइलों और ग्लाइड बमों के उपयोग के कारण हाल के महीनों में अधिक मौतें हुई हैं।

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