मध्यप्रदेशराज्य

बुरहानपुर में रानी दुर्गावती जयंती उत्सव, प्रेरणा से भरे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

मध्यप्रदेश शासन से मिले निर्देशों के चलते देश के स्वाधीनता संग्राम की एक अप्रतिम गोंड नायिका, वीरांगना रानी दुर्गावती के इस जन्म जयंती वर्ष को इस वर्ष प्रेरणा उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। बता दें कि, इस वर्ष उनका 500वां जन्मवर्ष है। जिसके उपलक्ष्य में किये जा रहे आयोजनों की कड़ी में रविवार को गणतंत्र दिवस की सांध्य बेला पर मध्यप्रदेश के बुराहनपुर जिले के जनजातीय विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले, उत्कृष्ट विद्यालय ग्राम खकनार में प्रेरणा उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित किये गए प्रेरणा उत्सव कार्यक्रम के दौरान, वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन और अवदान पर केन्द्रित, नृत्य-नाटिका का भी आयोजन किया गया। वहीं इस नृत्य नाटिका के सह निर्देशक हर्षवर्धन सिंह परिहार एवं आलेख योगेश त्रिपाठी सहित मंच पर उपस्थित कलाकारों के द्वारा नाट्य के माध्यम से वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन पर प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही उनके साहसी योगदान से आमजन को अवगत कराया गया। इस दौरान मंचीय कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मनमोह लिया।

इस नाट्य कार्यक्रम में विधायक नेपानगर मंजू दादू, जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को, जनप्रतिनिधि सहित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, नेपानगर भागीरथ वाखला, जनपद पंचायत सीईओ खकनार वंदना कैथल सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी और विद्यार्थीगण के साथ ही बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकगण भी उपस्थित रहे। 

बता दें कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने अपने पति दलपत शाह की मृत्यु के बाद अपने राज्य की रक्षा के लिए गोंडवाना साम्राज्य की बागडोर संभाली थी। इनके राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी थी कि करों का भुगतान सोने के सिक्के और हाथी देकर किया जाता था। उन्होंने शिक्षा और पारम्परिक ज्ञान को प्रोत्साहित किया था और कई मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण भी करवाया।

वहीं उनकी जन्म जयंती के अवसर पर प्रदेश सरकार के द्वारा रानी दुर्गावती के प्रसिद्ध 52 गढ़ों पर केन्द्रित एक रेडियो धारावाहिक का प्रसारण निरंतर किया जा रहा है। साथ ही वीरांगना और उनके परवर्ती शासकों की कला और स्थापत्य की उपलब्धियों पर शोध ग्रंथ प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही संस्कृति विभाग वीरांगना के जीवन पर वृत्त चित्र निर्माण, नृत्य नाटिका, गायन कार्यक्रम और वीरांगना की जीवन गाथा को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित करने की गतिविधियां आयोजित कर चुका है। वहीं शैक्षणिक संस्थाओं में वीरांगना के जीवन पर केन्द्रित निबंध और आलेख लेखन स्पर्धाएं करवाना भी प्रस्तावित है।

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