मध्यप्रदेशराज्य

नाट्य विद्यालय को अंतरराष्ट्रीय विद्यालय की तर्ज पर विकसित करेंगे

पर मैं परवाज की शक्ति है मन में आकाश की शक्ति है,चोट खाने के बावजूद उड़ने की ललक पुरानी है, तब रखो घोषणा अपनी-अपने कंठों  में, गलत करूंगा साबित सबको यहां कोई अरिहंत नहीं, गिर जाना मेरा अंत नहीं ,ये उद्गार संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के हैं जो उन्होंने मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय के "अकादमिक भवन" के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए। विद्यार्थियों की हौसला अफ्ज़ाई करते हुए उन्होंने ये पंक्तियां सुनाईं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रमुख केंद्र है और हम सब इसी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस भवन में वह सारी सुविधाएं हैं जो जरूरी हैं।

उन्होंने कहा किज्ञइसके लिए माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी और हमारे प्रमुख सचिव शेखर शुक्ला जी सहित पूरी टीम को बधाई देता हूं। हमारा प्रयास है कि हम मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की तर्ज पर विकसित करेंगे। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शेखर शुक्ला ने इस अवसर पर  नाट्य विद्यालय के निदेशक  टीकम जोशी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने  कम समय में विद्यालय की तरक्की के लिए सार्थक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही इसे पीजी डिप्लोमा से पीजी डिग्री कोर्स में  बदलने का प्रयास करेंगे।  उन्होंने कहा कि हम इसे देश का सर्वश्रेष्ठ नाटक विद्यालय बनाने का प्रयास करेंगे। टीकम जोशी को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें भारत भवन की रेपिटरी को भी पुनः स्थापित करना है।  इससे पहले विद्यालय के निदेशक टीकम जोशी ने अतिथियों से आग्रह किया कि वे बच्चों को मोटिवेट करें कि उन्हें जो स्ट्रक्चर मिला है उसका सदुपयोग करें तथा प्रदेश के साथ- साथ यहां की कला और संस्कृति के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करें ।उन्होंने कहा कि मंत्री जी की भावना के अनुरूप नाट्य विद्यालय को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस मौके पर संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव और वरिष्ठ कला समीक्षक गिरिजा शंकर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। विद्यार्थियों ने  पर रंग संगीत की आकर्षक प्रस्तुति दी। नाट्य विद्यालय में ऑडियो रूम ,ब्लैक बॉक्स थिएटर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी

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